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राजेश अभय
नयी दिल्ली, 6 मार्च :भाषा: फिल्म ‘मद्रास कैफे’ में राजीव गांधी की भूमिका निभाने वाले अभिनेता संजय गुरबक्शानी ने कहा कि इस किरदार को निभाने के दौरान उन्होंने राजीव गांधी की भव्यता को नजदीक से महसूस किया और उनकी इच्छा है कि राजीव गांधी के उतार चढ़ावों से भरे जीवन पर कोई फिल्म बने तो वह भूमिका उन्हें ही दी जाये जिसे वह सहर्ष करना चाहेंगे।अभिनेता संजय गुरबक्शानी ने पीटीआई भाषा को बताया, ‘‘चेहरे मोहरे की समानता के कारण मद्रास कैफे में राजीव का चरित्र करने की पेशकश फिल्म के कास्टिंग डायरेक्टर की ओर से थी, जिसके लिए मैंने ज्यादा कुछ सोचे बगैर हामी भर दी।फिल्म में इस चरित्र को जीने के दौरान मुझे उन्हें अच्छी तरह समझने का मौका मिला और मेरी ख्वाहिश है कि जब भी उस शख्सियत पर पूरी की पूरी कोई फिल्म बने तब मुझे ही इस किरदार को जीने का मौका मिले।’’ उन्होंने कहा कि एक शालीन राजनेता के अलावा आधुनिक प्रौद्योगिकी से उनका लगाव उनके लिए आकषर्ण का मुख्य बिंदु हैं। उनकी नजर में देश को कंप्यूटरीकरण की राह पर ले जाने में उनकी अहम भूमिका थी। समझा जाता है कि निर्देशक सुजीत सरकार ने चेहरे की समानता से कहीं ज्यादा एक सौम्य राजनेता का चरित्र जीने के लिए उन्हें उपयुक्त पाया।संजय ने कहा, ‘‘इस राजनेता को ‘मद्रास कैफे’ में बम धमाके में उड़ाने का दृश्य हैदराबाद के रामूजी स्टूडियो में किया जा रहा था वह इतना भयानक था और उसे देखकर वास्तविक घटना के खौफनाक होने के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता था।’’ संजय कहते हैं, ‘‘वैसे तो मैंने और भी कुछ फिल्में की हैं लेकिन ‘मद्रास कैफे’ ने आम लोगों के बीच एक पहचान कायम करने में मदद की है। लेकिन मैं सिर्फ इसी इमेज में कैद नहीं होना चाहता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक अभिनेता के बतौर जब सोचता हूं तो उससे मुझे हर बार कोई अलग चरित्र करने की इच्छा जन्म लेती है और यही कारण है कि मैं ‘क्राइम पेट्रोल’, ‘सावधान इंडिया’ जैसे धारावाहिकों में जान बूझकर ऐसे चरित्र को निभाता हूं जो मुझे किसी इमेज में बंधने न दें।’’ संजय मुंबई में जन्में, पले बढ़े और वहीं शुरआती शिक्षा ली। बाद में वह मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा की पढाई के लिए गुजरात के गांधीनगर गये और वापस मुंबई लौटकर कुछ समय तक नौकरी की और बाद में खुद का व्यवसाय कर लिया।उन्हें अभिनय का शौक बचपन से ही था, यह हसरत वह अपना व्यवसाय खोलने के बाद पूरा करने में जुट गये।लगभग पांच साल पहले उन्होंने मुंबई में अनुपम खेर के अभिनय स्कूल ‘एक्टर प्रीपियर्स’ में अभिनय का ‘पार्टटाईम’ पढ़ाई की और उसके बाद पहली फिल्म ‘जो हम चाहें’ की।संजय गुरबक्शानी ने अभी तक कुछ फिल्में की हैं जिनमें ‘एनी बडी कैन डांस’ :एबीसीडी:, ‘भाग मिल्खा भाग’, ‘एक था टाइगर’, ‘हीरोईन’ जैसी फिल्में प्रमुख हैं।वह अपने अभिनय के भविष्य को लेकर काफी आशावान हैं जहां कुछ फिल्मों के लिए उनकी बातचीत चल रही है।संपादकीय सहयोग-अतनु दास