स्पैनिश कहानियों के देश में जेएलएफ

मैड्रिड, दो जून (भाषा) स्पेन और भारत के बीच लंबा फासला है लेकिन अगर इस देश के किस्से कहानियों की दुनिया की बात की जाए तो दोनों की बीच काफी समानता है। स्पेन भी भारत जैसी विविधतापूर्ण संस्कृति और जीवनशैली को समेटे हुए है और यही कारण है कि स्पेन के इस खूबसूरत शहर में पहली बार जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है।.उन्होंने कहा, ‘‘ हम अंग्रेजी, स्पैनिश और भारतीय भाषा के बीच साहित्यिक गठजोड़ को लेकर बहुत उत्साहित हैं । हम भारतीय विविधता को भी प्रस्तुत करना चाहते हैं, स्पेन में भी इसी प्रकार की विविधता है। स्पेन में हर सौ मील पर एक अलग देश है लेकिन उसके बावजूद उसके मूल में स्पेन है। इसलिए हम दोनों आपस में काफी हद तक एक समान हैं । एक जैसे विचार, एक जैसे पारिवारिक मूल्य, संगीत से प्रेम, बच्चों से प्रेम । अगर आप इन सब बातों को देखें तो हमारी धरोहर बहुत अद्भुत है।’’.टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक संजोय के रॉय ने बताया, ‘‘ जेएलएफ का आयोजन स्पेन में क्यों ? सबसे पहली बात तो, यह सच में ही स्पैनिश भाषी दुनिया को खोजना है। यूरोप में यह हमारा पहला प्रयास है। यह एक ऐसी भाषा है, जिससे हम भारतीय बहुत अधिक परिचित नहीं हैं । हम आज भी दुनिया के इस हिस्से के लेखकों के बारे में ज्यादा नहीं जानते ।’’. भाषा नरेश.

हर युग में फिर से लिखी जाएंगी रामायण, महाभारत : लेखक आनंद नीलकंठन

नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) भारतीय महाकाव्यों की व्याख्या प्रतिपक्षियों के नजरिये से करने के लिए जाने जाने वाले लेखक आनंद नीलकंठन ने कहा कि रामायण और महाभारत में बताई गई सदियों पुरानी कहानियां हर युग में फिर से लिखी और दोहराई जाएंगी।. नीलकंठन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “यह पहली बार नहीं है जब कोई इसकी पुनर्व्याख्या या पुनर्लेखन कर रहा है, हर रामायण अलग है, हर महाभारत अलग है। 1000-1200 से अधिक महाभारत और 300-340 रामायण हैं। यह विभिन्न भाषाओं में पिछले 2000-3000 वर्षों या उससे भी अधिक समय से चली आ रही परंपरा है।”. भाषा .

मोदी ने ‘तिरुक्कुरल’ की टोक पिसिन भाषा में अनुवादित कृति का विमोचन किया

मोदी ने ‘तिरुक्कुरल’ की टोक पिसिन भाषा में अनुवादित कृति का विमोचन किया

पोर्ट मोरेस्बी, 22 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के अपने समकक्ष जेम्स मारापे के साथ सोमवार को तमिल काव्य रचना ‘तिरुक्कुरल’ की टोक पिसिन भाषा में अनुवादित कृति का विमोचन किया जो इस दक्षिणपश्चिमी प्रशांत द्वीपीय राष्ट्र के लोगों को भारतीय विचारों और संस्कृति को जानने समझने का मौका देगी।. टोक पिसिन पापुआ न्यू गिनी की आधिकारिक भाषा है।. विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय प्रवासी मातृभूमि के साथ संबंध बनाए रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने तमिल काव्य रचना ‘तिरुक्कुरल’ का पापुआ न्यू गिनी की टोक पिसिन भाषा में अनुवादित कृति का विमोचन किया।’’. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘पापुआ न्यू गिनी में प्रधानमंत्री जेम्स मारापे और मुझे टोक पिसिन भाषा में तिरुक्कुरल का विमोचन करने का सम्मान मिला। तिरुक्कुरल एक उत्कृष्ट कृति है जो विभिन्न विषयों में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।’’. मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘मैं तिरुक्कुरल का टोक पिसिन भाषा में अनुवाद करने के प्रयासों के लिए वेस्ट न्यू ब्रिटेन प्रांत के गवर्नर शशिंद्रन मुथुवेल और श्रीमती शुभा शशिंद्रन की सराहना करता हूं। गवर्नर शशिंद्रन ने अपनी स्कूली शिक्षा तमिल भाषा में की है जबकि श्रीमती शुभा शशिंद्रन जानी मानी भाषाविद हैं।’’. प्रधानमंत्री मोदी अपनी मातृभाषा गुजराती में भी इस किताब की अनुवादित कृति का विमोचन कर चुके हैं।. भाषा.