खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में मिला-जुला रुख

Updated: Mar 29 2023 6:53PM

नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) सस्ते आयातित खाद्य तेलों से बाजार पटा होने के बीच दिल्ली तेल- तिलहन बाजार में बुधवार को खाद्य तेल कीमतों में कारोबार का मिला-जुला रुख रहा। किसानों द्वारा नीचे भाव में बिकवाली नहीं करने से एक ओर जहां सरसों तेल-तिलहन और सोयाबीन तिलहन कीमतों में सुधार आया, वहीं सूरजमुखी तेल के सस्ता होने से सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट आई। मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतें अपरिवर्तित रहीं।.

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि पिछले तीन माह में मार्च तक सूरजमुखी तेल का 8.68 लाख टन का आयात हो चुका है जो अगले लगभग छह महीने की मांग पूरा करने के लिए पर्याप्त है। आगे आयात और बढ़ेगा और सूरजमुखी तेल का दाम इतिहास में पहली बार सीपीओ, पामोलीन से कम हो गया है जिससे सोयाबीन की भी मांग प्रभावित हुई है। बंदरगाह पर सूरजमुखी तेल का थोक भाव लगभग 78 रुपये लीटर बैठता है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के हिसाब से देशी तेल-तिलहनों का भाव 125-135 रुपये लीटर बैठता है। ऐसी स्थिति में देशी तेल-तिलहनों का बाजार में खपना मुश्किल होता जा रहा है। सबसे बड़ी समस्या देशी तिलहनों से प्राप्त होने वाले खल की है जिसके आयात में भी समस्या है क्योंकि इसकी विदेशों में कम उपलब्धता की वजह से आयात मांग का पूरा करना मुश्किल होगा। पिछले साल सरसों खल का भारी मात्रा में निर्यात हुआ था लेकिन इस बार देश को अपनी खपत के लिए सरसों खल की दिक्कत आ सकती है।.