बलात्कार के आरोपी को प्राथमिकी के चरण में आरोप के अभाव में आरोपमुक्त नहीं किया जाना चाहिए: अदालत

Updated: Nov 24 2022 6:52PM

नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि बलात्कार के किसी आरोपी को महज इसलिए आरोपमुक्त नहीं किया जाना चाहिए कि पीड़िता ने प्राथमिकी के चरण में आरोप नहीं लगाया था।.

न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि पीड़िता का बलात्कार के अपराध का खुलासा करने वाला मजिस्ट्रेट के सामने बयान भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार के लिए सजा) के तहत आरोप तय करने के लिए पर्याप्त होगा। उन्होंने कहा कि अदालतों को इस तरह की घटना के "परिणाम" पर विचार करना चाहिए, जो पीड़िता को शारीरिक और भावनात्मक आघात का कारण बनता है और संभव है, कभी-कभी पीड़िता आरोपी के खिलाफ तत्काल अपना रुख स्पष्ट करने को लेकर भावनात्मक या शारीरिक स्थिति में न हो।.